ABOUT THE SPEAKER
Barry Schwartz - Psychologist
Barry Schwartz studies the link between economics and psychology, offering startling insights into modern life. Lately, working with Ken Sharpe, he's studying wisdom.

Why you should listen

In his 2004 book The Paradox of Choice, Barry Schwartz tackles one of the great mysteries of modern life: Why is it that societies of great abundance — where individuals are offered more freedom and choice (personal, professional, material) than ever before — are now witnessing a near-epidemic of depression? Conventional wisdom tells us that greater choice is for the greater good, but Schwartz argues the opposite: He makes a compelling case that the abundance of choice in today's western world is actually making us miserable.

Infinite choice is paralyzing, Schwartz argues, and exhausting to the human psyche. It leads us to set unreasonably high expectations, question our choices before we even make them and blame our failures entirely on ourselves. His relatable examples, from consumer products (jeans, TVs, salad dressings) to lifestyle choices (where to live, what job to take, who and when to marry), underscore this central point: Too much choice undermines happiness.

Schwartz's previous research has addressed morality, decision-making and the varied inter-relationships between science and society. Before Paradox he published The Costs of Living, which traces the impact of free-market thinking on the explosion of consumerism -- and the effect of the new capitalism on social and cultural institutions that once operated above the market, such as medicine, sports, and the law.

Both books level serious criticism of modern western society, illuminating the under-reported psychological plagues of our time. But they also offer concrete ideas on addressing the problems, from a personal and societal level.

Schwartz is the author of the TED Book, Why We Work

More profile about the speaker
Barry Schwartz | Speaker | TED.com
TED2014

Barry Schwartz: The way we think about work is broken

बैरी श्वार्ट्ज़: हम काम के बारे मे सोचने के तरीका टुटा हुआ है

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काम को संतोषजनक क्या बनाती है ? पेचेक के अलावा, अमूर्त मूल्योँ जो, बारी स्क्वार्ट्ज़ सूचना देते हुये, हमारे काम के बारे मे सोचने का वर्तमान तरीका पर बस ध्यान नहीं देते| कार्यकर्ताओँ को पहिया पर काग्स के रूप मे सोचना बन्द करने की अब वक्त आगया है|
- Psychologist
Barry Schwartz studies the link between economics and psychology, offering startling insights into modern life. Lately, working with Ken Sharpe, he's studying wisdom. Full bio

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00:12
Todayआज I'm going to talk about work.
0
200
2030
आज मैं काम के बारे में
बात करने वाला हूँ|
00:15
And the questionप्रश्न I want to askपूछना
and answerउत्तर is this:
1
3130
3050
और जो प्रश्न में पूछना चाहता हूँ
और उत्तर ये है:
00:18
"Why do we work?"
2
6190
1930
"हम क्यों काम करते हैं?"
00:21
Why do we dragखींचें ourselvesहम
out of bedबिस्तर everyप्रत्येक morningसुबह
3
9140
3920
क्यों हम अपने आपको बिस्तर से खींच कर
बाहर ले आते हर सुबह बजाय
00:25
insteadबजाय of livingजीवित our livesरहता है
4
13070
2030
हमारे जीवन जीने की
00:27
just filledभर ग्या with bouncingशेख़ी from one
TED-likeटेड की तरह adventureसाहसिक to anotherएक और?
5
15110
5070
जो TED-जैसा एक साहस से
दूसरा तक उछल से भरा हो?
00:32
(Laughterहँसी)
6
20190
1820
(हँसी)
00:34
You mayहो सकता है be askingपूछ yourselvesस्वयं
that very questionप्रश्न.
7
22010
3070
आप अपने आप को ये
हीं प्रश्न पूछ्ते होंगे|
00:37
Now, I know of courseकोर्स,
we have to make a livingजीवित,
8
25090
2110
अभी, मुझे मालूम है
बेशक हमें जीना हैं, लेकिन,
00:39
but nobodyकोई भी नहीं in this roomकक्ष thinksसोचता
that that's the answerउत्तर to the questionप्रश्न,
9
27210
3840
इस कमरे में जो भी उपस्थित है,कोई ये नहीं
मानते कि ये हीं इस प्रश्न का उत्तर है,
00:43
"Why do we work?"
10
31060
1040
"हम काम क्यों करते?"
00:44
For folksलोगों in this roomकक्ष,
the work we do is challengingचुनौतीपूर्ण,
11
32110
3990
उनलोगों के सामने जो इस कमरे में है,
हम जो काम करते हैँ वो चुनौतीपूर्ण है,
00:48
it's engagingमनोहन, it's stimulatingउत्तेजक,
it's meaningfulसार्थक.
12
36110
3900
वो मनोहर है,वो उत्तेजक है,
और वो सार्थक है|
00:52
And if we're luckyसौभाग्यशाली,
it mightपराक्रम even be importantजरूरी.
13
40020
3050
हम अगर भाग्यशाली होते तो ये काम
आवश्यक भी हो सकता है|
00:55
So, we wouldn'tनहीं होगा work
if we didn't get paidभुगतान किया है,
14
43160
2000
इसलिए, भुगतान न पाने से
हम काम नहीं करते,
00:57
but that's not why we do what we do.
15
45170
2870
लेकिन, हम जो करते है उसका
वजह ये नहीं हो सकता|
01:00
And in generalसामान्य,
16
48050
1040
और सामान्य रूप से,
01:01
I think we think that materialसामग्री rewardsपुरस्कार
are a prettyसुंदर badखराब reasonकारण
17
49100
3060
मैं सोचता कि हम सोचते हैं कि सामग्री
पुरस्कार ही काम करने के लिए
01:04
for doing the work that we do.
18
52170
1920
बहुत बुरा कारण हो सकते हैं|
01:06
When we say of somebodyकोई
that he's "in it for the moneyपैसे,"
19
54100
4030
जब हम किसी के बारे में कहते है कि
वो "पैसे के लिए काम कर रहा है",
01:10
we are not just beingकिया जा रहा है descriptiveवर्णनात्मक.
20
58140
2870
हम सिर्फ वर्णनात्मक नहीं
किया जा रहे है|
01:13
(Laughterहँसी)
21
61020
1070
(हँसी)
01:14
Now, I think this is totallyपूरी तरह से obviousज़ाहिर,
22
62100
2020
अभी, मैं सोचता ये पूरी
तरह से स्पष्ट है कि,
01:16
but the very obviousnessप्रत्यक्षता of it
raisesउठाता what is for me
23
64130
2980
लेकिन इसकी बहुत प्रत्यक्षता
ही मेरे लिए एक
01:19
an incrediblyअविश्वसनीय रूप से profoundगहन questionप्रश्न.
24
67120
2100
अविश्वसनीय गहरा सवाल है|
01:21
Why, if this is so obviousज़ाहिर,
25
69230
2810
क्योँ,ए अगर इतना ही स्पष्ट है,
01:24
why is it that for the overwhelmingभारी
majorityबहुमत of people on the planetग्रह,
26
72050
5080
क्योँ इस दुनिया के भारी बहुमत लोगों
जो काम करते हैँ,
01:30
the work they do
has noneकोई नहीं of the characteristicsविशेषताओं
27
78060
3950
उसमे कोई भी ऐसे विशेषताओं नही हैँ
01:34
that get us up and out of bedबिस्तर
and off to the officeकार्यालय everyप्रत्येक morningसुबह?
28
82020
4180
जो उन को बिस्तर से उठाके
हर सुबह आफीस भेज दे?
01:38
How is it that we allowअनुमति देते हैं
the majorityबहुमत of people on the planetग्रह
29
86210
3890
ऐसा क्या है कि हम इस दुनिया के
अधिक संख्या के लोगों को
01:42
to do work that is monotonousनीरस,
meaninglessव्यर्थ and soul-deadeningआत्मा-deadening?
30
90110
4990
काम करने की जो नीरस,अर्थहीन,और
आत्मा-शामक है,अनुमती देते हैँ?
01:47
Why is it that as capitalismपूंजीवाद developedविकसित,
31
95110
2960
ऐसा क्योँ है कि जैसे
सम्पत्तिवाद विकसित की है,
01:50
it createdबनाया था a modeमोड of productionउत्पादन,
of goodsमाल and servicesसेवाएं,
32
98080
3040
यह वस्तुओं और सेवाओं की,
उत्पादन की एक विधा बनाया
01:53
in whichकौन कौन से all the nonmaterialसामग्री satisfactionsसंतोष
that mightपराक्रम come from work were eliminatedसफाया?
33
101130
5960
जिस मेँ अभौतिक संतुश्टीकरण जो
काम से आ सकते थे हटा दिये गये?
02:00
Workersश्रमिकों who do this kindमेहरबान of work,
34
108090
2010
श्रमिकों जो इस तरह के काम करते हैँ,
02:02
whetherकि क्या they do it in factoriesकारखाना,
in call centersकेन्द्रों,
35
110110
2950
यदि ओ काम करते होँ, कारखानोँ मे,
या काल सेंटर्स मे,
02:05
or in fulfillmentपूर्ति warehousesगोदामों,
36
113070
2110
या फिर पूर्ति गोदामों मे,
02:07
do it for payवेतन.
37
115190
1990
वेतन के लिये करते हैँ
02:09
There is certainlyनिश्चित रूप से no other earthlyसांसारिक reasonकारण
to do what they do exceptके सिवाय for payवेतन.
38
117190
5810
उन लोग जो काम कर रहे हैँ उसके लिये ऐसा कोई
सांसारिक कारण नही है सिवाय वेतन के|
02:15
So the questionप्रश्न is, "Why?"
39
123010
2060
तो सवाल ये है कि,"क्योँ?"
02:18
And here'sयहाँ है the answerउत्तर:
40
126000
1220
और जवाब इधर है:
02:20
the answerउत्तर is technologyप्रौद्योगिकी.
41
128160
2940
जवाब है प्रौद्योगिकी
02:23
Now, I know, I know --
42
131110
1080
अब, मै जानता हू,
02:24
yeah, yeah, yeah, technologyप्रौद्योगिकी, automationस्वचालन
screwsशिकंजा people, blahबकवास blahबकवास --
43
132200
3880
मै जानता हूँ -- ,हाँ,हाँ,हाँ,प्रौद्योगिकि,
स्वचालन,शिकंजा लोग,ब्ला,ब्ला--
02:28
that's not what I mean.
44
136090
1110
मेरा मतलब वो नहीं था|
02:29
I'm not talkingबात कर रहे about
the kindमेहरबान of technologyप्रौद्योगिकी
45
137210
2910
मै उस तरह की प्रौद्योगिकि
के बारे मे बात नही कर रहा हू जो
02:32
that has envelopedछा our livesरहता है,
and that people come to TEDटेड to hearसुनो about.
46
140130
3990
हमारे जिंद्गियोँ पर छागयी,और जिस के बारे
मे सुनने केलिये लोग TED के लिये आते
02:36
I'm not talkingबात कर रहे about
the technologyप्रौद्योगिकी of things,
47
144130
2980
मै चीजोँ के प्रौद्योगिकि
के बारे मे बात नही कर रहा हूँ
02:39
profoundगहन thoughहालांकि that is.
48
147120
1980
वह हालाँकि गहरा है|
02:41
I'm talkingबात कर रहे about anotherएक और technologyप्रौद्योगिकी.
49
149110
1980
मै अन्य तकनीक के बारे मे बात कर रहा हूँ|
02:43
I'm talkingबात कर रहे about the technologyप्रौद्योगिकी of ideasविचारों.
50
151100
2980
मै विचारों की तकनीक
के बारे मे बात कररहा हूँ|
02:47
I call it, "ideaविचार technologyप्रौद्योगिकी" --
51
155050
2090
मै उसको "विचारोँ की तकनीक"बुलाऊंगा--
02:49
how cleverचतुर of me.
52
157140
1070
मै कितना चतुर हूँ|
02:50
(Laughterहँसी)
53
158220
1810
(हँसी)
02:52
In additionइसके अलावा to creatingबनाना things,
scienceविज्ञान createsबनाता है ideasविचारों.
54
160030
4110
चीजोँ को बनाने के साथ,
शास्त्र विचारोँ को भी बनाती है|
02:56
Scienceविज्ञान createsबनाता है waysतरीके of understandingसमझ.
55
164150
2970
शास्त्र समझ्ने के रा स्ते बनाती है|
02:59
And in the socialसामाजिक sciencesविज्ञान,
56
167130
1940
और सामाजिक विज्ञान मे
03:01
the waysतरीके of understandingसमझ that get createdबनाया था
are waysतरीके of understandingसमझ ourselvesहम.
57
169080
4980
जो समझने के तरीके बना दिये गये हैँ
वो खुद को समझने के तरीके हैं।
03:06
And they have an enormousविशाल influenceप्रभाव
on how we think, what we aspireमहत्त्वाकांक्षा करना to,
58
174070
4060
और उनका हम कैसे सोचते हैँ,
हमारी ख्वाहिश,
03:10
and how we actअधिनियम.
59
178140
1890
और हम कैसे काम करते हैँ|
03:12
If you think your povertyदरिद्रता
is God'sभगवान के will, you prayप्रार्थना.
60
180040
3160
अगर तुम सोचते हो किअपनी गरीबी भगवान के
चाह तो तुम प्रार्थना करोगे|
03:16
If you think your povertyदरिद्रता is the resultपरिणाम
of your ownअपना inadequacyअपर्याप्तता,
61
184050
4110
अगर तुम सोचते हो कि
गरिबि तुम्हारी खुद की असमर्थता है,
03:20
you shrinkहटना into despairनिराशा.
62
188170
2940
तुम निराशा में हटोगे|
03:23
And if you think your povertyदरिद्रता is
the resultपरिणाम of oppressionउत्पीड़न and dominationप्रभुत्व,
63
191120
4090
और अगर आप सोचते है कि उत्पीड़न और वर्चस्व
गरीबी की एक परीणाम है,
03:27
then you riseवृद्धि up in revoltविद्रोह.
64
195220
2000
तो आप विद्रोह के लिये उठेंगे|
03:29
Whetherकि your responseप्रतिक्रिया to povertyदरिद्रता
is resignationइस्तीफा or revolutionक्रांति,
65
197230
4790
चाहे आपका गरीबी केलिये
प्रतिक्रिया इस्तीफे हो या क्रांति,
03:34
dependsनिर्भर करता है on how you understandसमझना
the sourcesसूत्रों का कहना है of your povertyदरिद्रता.
66
202030
3170
तुम अपना गरीबी का सूत्रोँ को
समझने पर निर्भर करता है|
03:37
This is the roleभूमिका that ideasविचारों playप्ले
in shapingकार्य us as humanमानव beingsप्राणियों,
67
205210
5890
ये भूमिका विचार निभाते हैँ लोगोँ को
मनुष्य के रूप में हमें आकार देने मे,
03:43
and this is why ideaविचार technologyप्रौद्योगिकी mayहो सकता है be
the mostअधिकांश profoundlyगंभीरतापूर्वक importantजरूरी technologyप्रौद्योगिकी
68
211110
5930
और इसीलिये विचार तकनीकि सबसे
गहराई से महत्वपूर्ण तकनीकि है
03:49
that scienceविज्ञान givesदेता है us.
69
217050
1510
जो विज्ञान ने हमे दिया है|
03:51
And there's something specialविशेष
about ideaविचार technologyप्रौद्योगिकी,
70
219100
3920
और विचार तकनीकि में कुछ खास है,
03:55
that makesबनाता है it differentविभिन्न
from the technologyप्रौद्योगिकी of things.
71
223120
2910
जो उसको चीजोँ की
तकनीकि से अलग बनाता है|
03:58
With things, if the technologyप्रौद्योगिकी sucksबेकार,
72
226040
3140
चीजोँ के साथ, अगर तकनीकि चूस लिया,
04:01
it just vanishesगायब हो जाती है, right?
73
229190
2040
वो गायब हो जाता है,है ना?
04:04
Badख़राब technologyप्रौद्योगिकी disappearsगायब हो जाता है.
74
232000
2110
प्रौद्योगिकी गायब हो जाता है।
04:06
With ideasविचारों --
75
234120
1890
योजनाओँ के साथ--
04:08
falseअसत्य ideasविचारों about humanमानव beingsप्राणियों
will not go away
76
236020
5030
लोगोँ के बारे मे जो
गलत विचार है वो दूर नहीं जायेंगे
04:13
if people believe that they're trueसच.
77
241060
2420
अगर लोग उसे सच मानने लगेंगे|
04:16
Because if people believe
that they're trueसच,
78
244230
2870
क्योँकि अगर लोग मानने लगेंगे
कि ओ सच हैँ,
04:19
they createसर्जन करना waysतरीके of livingजीवित
and institutionsसंस्थानों
79
247110
3040
वो रहन सहन के तरीके
और सँस्थानोँ को ऐसे बनायेंगे
04:22
that are consistentसंगत
with these very falseअसत्य ideasविचारों.
80
250160
3850
जो संगत करेंगे झूठी विचारोँ के साथ |
04:26
And that's how the industrialऔद्योगिक revolutionक्रांति
createdबनाया था a factoryफ़ैक्टरी systemप्रणाली
81
254020
4020
और लगता है औद्योगिक क्रांति ऐसे
कारखाना व्यवस्था शुरू किया
04:30
in whichकौन कौन से there was really nothing you
could possiblyसंभवतः get out of your day'sदिन का work,
82
258050
4140
जिसमे आपको वास्तव मे आपके काम से
संभवतः कुछ नही मिलनेवाला है,
04:34
exceptके सिवाय for the payवेतन at the endसमाप्त of the day.
83
262200
2870
बजाय वेतन के जो दिन के अंत मे मिलेगा|
04:37
Because the fatherपिता --
one of the fathersपिता की
84
265080
1990
क्योँकि पिता--पिता मेँ से एक
04:39
of the Industrialऔद्योगिक Revolutionक्रांति,
Adamएडम Smithस्मिथ --
85
267070
2050
औद्योगिक कि,आडम स्मित--
04:41
was convincedराजी करना that humanमानव beingsप्राणियों
were by theirजो अपने very naturesNatures lazyआलसी,
86
269130
3970
यकीन करते थे कि मनुष्य
अपने स्वभाव से आलसी हैँ,
04:45
and wouldn'tनहीं होगा do anything
unlessजब तक you madeबनाया गया it worthलायक theirजो अपने while,
87
273110
3000
और ऐसा कुछ नही करेंगे जब तक आप
उनके समय को लायक नही बनाते,
04:48
and the way you madeबनाया गया it worthलायक theirजो अपने while
88
276120
1990
और आप उनके समय को लायक
04:50
was by incentivizingincentivizing,
by givingदे रही है them rewardsपुरस्कार.
89
278120
2990
प्रोत्साहित,द्वारा
उन्हे पुरस्कार देकर करेंगे|
04:53
That was the only reasonकारण
anyoneकिसी को ever did anything.
90
281120
2940
वो एक ही कारण है
कोई भी व्यक्ती काम करने की|
04:56
So we createdबनाया था a factoryफ़ैक्टरी systemप्रणाली consistentसंगत
with that falseअसत्य viewराय of humanमानव natureप्रकृति.
91
284070
5140
इसीलिये हमने एक कारखाना व्यवस्था
जो गलत नजर के साथ संगत है|
05:01
But onceएक बार that systemप्रणाली
of productionउत्पादन was in placeजगह,
92
289220
2960
पर एक बार वो उत्पादन की व्यवस्था
अपनी जगह में था ,
05:04
there was really no other way
for people to operateसंचालित,
93
292190
2990
कोई अन्य तरीका वास्तव में नहीं था
लोगों को संचालित करने के लिए,
05:07
exceptके सिवाय in a way that was consistentसंगत
with Adamएडम Smith'sस्मिथ की visionदृष्टि.
94
295190
4840
बजाय इसके जो संगत है
आडम स्मित के द्रुश्टि के साथ|
05:12
So the work exampleउदाहरण is merelyकेवल an exampleउदाहरण
95
300150
3000
तो ये काम का उदाहरण तो
सिर्फ एक उदाहरण है
05:15
of how falseअसत्य ideasविचारों
can createसर्जन करना a circumstanceपरिस्थितियों
96
303160
4050
कि कैसे झूठे विचार
बना सकते हैँ एक परिस्थिति
05:19
that endsसमाप्त होता है up makingनिर्माण them trueसच.
97
307220
2850
जो समाप्त होता है उन्हे सच बनाकर|
05:23
It is not trueसच
98
311140
1980
ये सच नहीं है
05:25
that you "just can't get
good help anymoreअब."
99
313160
3030
कि आपको"बस अबअच्छी मदद
नही मिल सकता|"
05:29
It is trueसच
100
317210
1830
ये सच है
05:31
that you "can't get good help anymoreअब"
101
319120
2910
कि आप को"अब और
अच्छी मदद नही मिल सकता"
05:34
when you give people work to do
that is demeaningनीचा and soullessसंगदिल.
102
322040
4980
जब आप लोगोँ को काम देते हो करने के लिये
जो नीचा दिखा निष्प्राण हो|
05:39
And interestinglyसुहावना होते हुए enoughपर्याप्त, Adamएडम Smithस्मिथ --
103
327030
2060
और काफी दिलचस्प है, एडम स्मिथ -
05:41
the sameवही guy who gaveदिया us
this incredibleअविश्वसनीय inventionआविष्कार
104
329100
3960
वो ही शक्स जो हमे दिया है
ये अविश्वसनीय आविष्कार
05:45
of massसामूहिक productionउत्पादन, and divisionविभाजन of laborश्रम
105
333070
2100
बड़े पैमाने पर उत्पादन,
और श्रम विभाजन के
05:47
-- understoodसमझ लिया this.
106
335180
1040
--ने यह समझ लिया|
05:48
He said, of people who workedकाम
in assemblyसभा linesपंक्तियां,
107
336230
3940
उन्होँने कहा,लोग जो काम करते हैँ
समनुक्रम मेँ,
05:52
of menपुरुषों who workedकाम
in assemblyसभा linesपंक्तियां, he saysकहते हैं:
108
340180
2020
पुरुष जो काम करते है
समनुक्रम मेँ,वो कहाँ:
05:54
"He generallyआम तौर पर becomesहो जाता है as stupidबेवकूफ as it is
possibleमुमकिन for a humanमानव beingकिया जा रहा है to becomeबनना."
109
342210
6810
"ओ आमतौर पर बेवकूफ बनजाता है जो
सँभव है एक इनसान को बनने के लिये|"
06:01
Now, noticeनोटिस the wordशब्द here is "becomeबनना."
110
349170
2020
अब,ध्यान देनेवाले शब्द "बनना"|
06:03
"He generallyआम तौर पर becomesहो जाता है as stupidबेवकूफ as it is
possibleमुमकिन for a humanमानव beingकिया जा रहा है to becomeबनना."
111
351200
6020
"वो आमतौर पर बेवकूफ बनजाता है जो
सँभव है एक इनसान को बनने के लिये"|
06:09
Whetherकि he intendedइरादा it or not,
what Adamएडम Smithस्मिथ was tellingकह रही us there,
112
357230
3890
चाहे उनके इरादा है या नही,
आडम स्मिथ क्या बता रहा था हमसे वहाँ,
06:13
is that the very shapeआकार of the institutionसंस्था
withinअंदर whichकौन कौन से people work
113
361130
3900
कि सँस्था का आकार
जिसमेँ लोग काम करते हैँ
06:17
createsबनाता है people who are fittedसज्जित
to the demandsमांगों of that institutionसंस्था
114
365040
4090
लोगोँ को ऐसा बनाता है
जो उस सँस्था की मांग मेँ लगे हैँ
06:21
and deprivesवंचित people of the opportunityअवसर
115
369140
2890
और लोगोँ को मौकोँ से वंचित करता है
06:24
to deriveनिकाले जाते हैं the kindsप्रकार of satisfactionsसंतोष
from theirजो अपने work that we take for grantedदी.
116
372040
4470
उनको काम से जो संतुष्टि मिलती है
जो हम बिना प्रमाण मान लेते हैँ|
06:29
The thing about scienceविज्ञान --
naturalप्राकृतिक scienceविज्ञान --
117
377100
2990
शास्त्र के बारे मे बात--
प्राक्रुतिक शास्त्र--
06:32
is that we can spinस्पिन fantasticबहुत खुबस
theoriesसिद्धांतों about the cosmosकास्मोस \ ब्रह्मांड,
118
380100
4110
ये है कि हम ब्र्ह्मांडोँ के बारे मेँ
अद्भुत सिद्धंतोँ के जाला बून सकते हैँ,
06:36
and have completeपूर्ण confidenceआत्मविश्वास
119
384220
1940
और पूरी आत्मविस्वास रख सकते हैँ
06:38
that the cosmosकास्मोस \ ब्रह्मांड is completelyपूरी तरह
indifferentउदासीन to our theoriesसिद्धांतों.
120
386170
4260
कि ये ब्र्ह्मांड पूरी तरह से
हमारे सिद्धंतोँ के प्रति उदासीन है|
06:43
It's going to work the sameवही damnअरे नहीं way
121
391000
2010
वो इसी तरह काम करते रहेगा
06:45
no matterमामला what theoriesसिद्धांतों
we have about the cosmosकास्मोस \ ब्रह्मांड.
122
393020
3030
कोईबात नही क्या सिद्धांत
ब्र्ह्मांड केबारे मेँ हमारे पास हैँ|
06:48
But we do have to worryचिंता about
the theoriesसिद्धांतों we have of humanमानव natureप्रकृति,
123
396230
5850
लेकिन हमेँ चिंतित होने की जरूरत है जो
सिद्धांत मानव स्व्भाव के बारे मे हैँ,
06:54
because humanमानव natureप्रकृति will be changedबदल गया
by the theoriesसिद्धांतों we have
124
402090
5070
क्योँकि मानव स्वभाव बदल जायेगा
हमारे पास सिद्धांतोँ से
06:59
that are designedडिज़ाइन किया गया to explainसमझाना
and help us understandसमझना humanमानव beingsप्राणियों.
125
407170
3990
जिसको मनुष्य को समझाने और समझाने मे मदद
करने के लिये रूपांकित किया गया|
07:03
The distinguishedविशिष्ट anthropologistमानवी,
Cliffordक्लिफर्ड GeertzGeertz, said, yearsवर्षों agoपूर्व,
126
411170
4970
प्रतिष्टित मानवविज्ञानी,
क्लिफर्ड गीर्ट्ज़,ने कहाँ ,सालोँ पहले,
07:08
that humanमानव beingsप्राणियों
are the "unfinishedअधूरा animalsजानवरों."
127
416150
3880
कि मनुष्य "अधूरा जानवर हैँ|"
07:12
And what he meantमतलब by that
was that it is only humanमानव natureप्रकृति
128
420040
4010
और उनका क्या मतलब है
कि ये सिर्फ मानव स्वभाव है
07:16
to have a humanमानव natureप्रकृति
129
424220
1910
मानव स्वभाव होना
07:18
that is very much the productउत्पाद
of the societyसमाज in whichकौन कौन से people liveजीना.
130
426140
4860
जो उत्पाद है
समाज की जिसमे लोग रहते हैँ|
07:23
That humanमानव natureप्रकृति,
that is to say our humanमानव natureप्रकृति,
131
431010
3100
वह मानव स्वभाव ,कहने का
मतलब हमारा मानव स्वभाव,
07:26
is much more createdबनाया था
than it is discoveredकी खोज की.
132
434120
3970
को ज्यादातर बनाया गया नाकी
खोज किया गया|
07:30
We designडिज़ाइन humanमानव natureप्रकृति
133
438100
2040
हम सँस्थाओँ के रचना करने के द्वारा
07:32
by designingडिज़ाइन बनाना the institutionsसंस्थानों
withinअंदर whichकौन कौन से people liveजीना and work.
134
440150
4920
मानव स्वभाव की रचना करते हैँ
जिसमेँ लोग जीते हैँ और काम करते हैँ|
07:37
And so you people --
135
445080
1130
और इसलिये तुम लोग--
07:38
prettyसुंदर much the closestनिकटतम I ever get
to beingकिया जा रहा है with mastersपरास्नातक of the universeब्रम्हांड --
136
446220
4810
बहुत ज्यादा निकटतम मैँ अभी तक
जासका ब्रह्मांड के स्वामी साथ--
07:43
you people should be askingपूछ
yourselfस्वयं a questionप्रश्न,
137
451040
3980
तुम लोग अपने आपसे
एक सवाल पूछना चाहिये,
07:47
as you go back home
to runरन your organizationsसंगठनों.
138
455020
3030
जैसे आप घर जाते हैँ
आपके सँगठन चलाने केलिये|
07:50
Just what kindमेहरबान of humanमानव natureप्रकृति
do you want to help designडिज़ाइन?
139
458060
4070
तो आप किस तरह का मानव स्वभाव
रचना करने केलिये मदद करेंगे?
07:54
Thank you.
140
462140
1060
धन्यवाद|
07:55
(Applauseप्रशंसा)
141
463200
1880
(तालियाँ)
07:57
Thanksधन्यवाद.
142
465090
1040
धन्यवाद|
Translated by lalitha annamraju
Reviewed by Abhinav Garule

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ABOUT THE SPEAKER
Barry Schwartz - Psychologist
Barry Schwartz studies the link between economics and psychology, offering startling insights into modern life. Lately, working with Ken Sharpe, he's studying wisdom.

Why you should listen

In his 2004 book The Paradox of Choice, Barry Schwartz tackles one of the great mysteries of modern life: Why is it that societies of great abundance — where individuals are offered more freedom and choice (personal, professional, material) than ever before — are now witnessing a near-epidemic of depression? Conventional wisdom tells us that greater choice is for the greater good, but Schwartz argues the opposite: He makes a compelling case that the abundance of choice in today's western world is actually making us miserable.

Infinite choice is paralyzing, Schwartz argues, and exhausting to the human psyche. It leads us to set unreasonably high expectations, question our choices before we even make them and blame our failures entirely on ourselves. His relatable examples, from consumer products (jeans, TVs, salad dressings) to lifestyle choices (where to live, what job to take, who and when to marry), underscore this central point: Too much choice undermines happiness.

Schwartz's previous research has addressed morality, decision-making and the varied inter-relationships between science and society. Before Paradox he published The Costs of Living, which traces the impact of free-market thinking on the explosion of consumerism -- and the effect of the new capitalism on social and cultural institutions that once operated above the market, such as medicine, sports, and the law.

Both books level serious criticism of modern western society, illuminating the under-reported psychological plagues of our time. But they also offer concrete ideas on addressing the problems, from a personal and societal level.

Schwartz is the author of the TED Book, Why We Work

More profile about the speaker
Barry Schwartz | Speaker | TED.com

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