ABOUT THE SPEAKER
Feisal Abdul Rauf - Chairman of the Cordoba Initiative
Imam Feisal Abdul Rauf has devoted himself to healing relations between Muslim-Americans and their neighbors, and bringing that message of peace to the wider Muslim world.

Why you should listen

In 2003, Imam Feisal Abdul Rauf founded the Cordoba Initiative, a non-partisan and international organization that works to provide innovative solutions to conflict between Muslim and Western communities. He also serves as chair of the Initiative, actively promoting and moderating dialogue between individuals and groups. What’s more, this project was not the Imam's first foray into interreligious talks. In 1997, he started the American Society for Muslim Advancement (ASMA), a group that brings American Muslims and non-Muslims together through programs in policy, current affairs and culture.

Also, Imam Rauf regularly attends the Council on Foreign Relations and the World Economic Forum (both Davos and Dead Sea) and has written three books on the topic of bringing peace to Islam's relationsIslam: A Search for MeaningIslam: A Sacred Law; and What's Right With Islam: A New Vision for Muslims and the West. He continues to balance his mission of creating peace with his regular duties as Imam of Masjid al-Farah, a mosque twelve blocks from Ground Zero in New York City, that he has led for 25 years.

More profile about the speaker
Feisal Abdul Rauf | Speaker | TED.com
TEDSalon 2009 Compassion

Feisal Abdul Rauf: Lose your ego, find your compassion

इमाम फैसल अब्दुल रउफ़ : अपने अहम् को खो दो , और अपनी संवेदना को पहचानो

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- Chairman of the Cordoba Initiative
Imam Feisal Abdul Rauf has devoted himself to healing relations between Muslim-Americans and their neighbors, and bringing that message of peace to the wider Muslim world. Full bio

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00:12
I'm speakingबोला जा रहा है about compassionदया from an Islamicइस्लामी pointबिंदु of viewराय,
0
0
5000
मैं संवेदना के बारे में इस्लाम के दृष्टिकोण से बात कर रहा हूँ,
00:17
and perhapsशायद my faithआस्था is not very well thought of
1
5000
3000
और शायद मेरे धर्म के बारे में ऐसा नहीं समझा जाता
00:20
as beingकिया जा रहा है one that is groundedजमीन in compassionदया.
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8000
4000
कि संवेदना से गहरे जुड़ा हुआ है.
00:24
The truthसत्य of the matterमामला is otherwiseअन्यथा.
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12000
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हालांकि सच्चाई कुछ अलग है
00:26
Our holyपवित्र bookकिताब, the Koranकुरान, consistsहोते हैं of 114 chaptersअध्याय,
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14000
6000
हमारे धर्मग्रन्थ क़ुरान में ११४ अध्याय हैं
00:32
and eachसे प्रत्येक chapterअध्याय beginsशुरू करना with what we call the basmalabasmala,
5
20000
4000
और हर अध्याय शुरू होता है उस शब्द से, जिसे हम कहते हैं बिस्मिल्लाह
00:36
the sayingकह रही है of "In the nameनाम of God, the all compassionateदयालु, the all mercifulकृपालु,"
6
24000
6000
जो कि ईश्वर के नाम में, जो संवेदनापूर्ण हैं, और दयालु हैं
00:42
or, as Sirसर Richardरिचर्ड Burtonबर्टन --
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30000
2000
या जैसा कि सर रिचर्ड बर्टन
00:44
not the Richardरिचर्ड Burtonबर्टन who was marriedशादी हो ग to Elizabethएलिजाबेथ Taylorटेलर,
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32000
3000
वो रिचर्ड बर्टन नहीं जिन्होंने एलिज़ाबेथ टेलर से शादी कि थी
00:47
but the Sirसर Richardरिचर्ड Burtonबर्टन who livedरहते थे a centuryसदी before that
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35000
3000
परन्तु वो सर रिचर्ड बर्टन जो उनसे १ शताब्दी पहले हुए थे
00:50
and who was a worldwideदुनिया भर travelerयात्री
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38000
2000
और जिन्होंने पूरी दुनिया का भ्रमण किया था
00:52
and translatorअनुवादक of manyअनेक worksकाम करता है of literatureसाहित्य --
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40000
4000
और कई साहित्यों का अनुवाद किया था
00:56
translatesअनुवाद it. "In the nameनाम of God, the compassionatingcompassionating, the compassionateदयालु."
12
44000
7000
वो उस शब्द का अनुवाद करते हैं " ईश्वर के नाम में, जो कि संवेदनशील और करुणापूर्ण हैं"
01:03
And in a sayingकह रही है of the Koranकुरान, whichकौन कौन से to Muslimsमुसलमानों is God speakingबोला जा रहा है to humanityमानवता,
13
51000
7000
और क़ुरान, जो कि मुसलमानों के लिए ईश्वर का मानवता को सन्देश है, उसकी एक कहावत में,
01:10
God saysकहते हैं to his prophetपैगंबर Muhammadमुहम्मद --
14
58000
3000
ईश्वर अपने पैगंबर मुहम्मद से,
01:13
whomकिसको we believe to be the last of a seriesशृंखला of prophetsभविष्यद्वक्ताओं,
15
61000
3000
जिनको हम पैगम्बरों कि श्रृंखला में अंतिम मानते हैं
01:16
beginningशुरू with Adamएडम, includingसमेत Noahनूह, includingसमेत Mosesमूसा, includingसमेत Abrahamइब्राहीम,
16
64000
6000
उस श्रृंखला में जो आदम से शुरू हुई, और नूह, मूसा, इब्राहिम
01:22
includingसमेत Jesusयीशु Christमसीह, and endingसमापन with Muhammadमुहम्मद --
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70000
4000
और यीशु मसीह भी शामिल है, और जो मोहम्मद के साथ समाप्त हुई
01:26
that, "We have not sentभेज दिया you, O Muhammadमुहम्मद,
18
74000
3000
कहते हैं " ओह मोहम्मद, हमने आपको भेजा है
01:29
exceptके सिवाय as a 'rahmah' rahmah,' exceptके सिवाय as a sourceस्रोत of compassionदया to humanityमानवता."
19
77000
6000
केवल दया, और मानवता के लिए संवेदना का स्रोत बना कर "
01:35
For us humanमानव beingsप्राणियों, and certainlyनिश्चित रूप से for us as Muslimsमुसलमानों,
20
83000
4000
और हम मनुष्यों के लिए, और निश्चित रूप से हम मुसलमानों के लिए ,
01:39
whoseकिसका missionमिशन, and whoseकिसका purposeउद्देश्य in followingनिम्नलिखित the pathपथ of the prophetपैगंबर
21
87000
5000
जिनका लक्ष्य और उद्देश्य, पैगम्बर के रास्ते पर चल कर
01:44
is to make ourselvesहम as much like the prophetपैगंबर.
22
92000
4000
अपने आप को पैगम्बर की तरह बनाना है
01:48
And the prophetपैगंबर, in one of his sayingsबातें, said,
23
96000
2000
और पैगम्बर ने अपने एक कथन में कहा है
01:50
"Adornसजाना yourselvesस्वयं with the attributesविशेषताएँ of God."
24
98000
5000
"अपने आप को परमेश्वर के गुणों से सजाओ".
01:55
And because God Himselfखुद said that the primaryमुख्य attributeगुण of his is compassionदया --
25
103000
6000
और क्योंकि परमेश्वर ने खुद कहा है कि करुणा उनकी प्राथमिक गुण है ,
02:01
in factतथ्य, the Koranकुरान saysकहते हैं that "God decreedआज्ञा uponके ऊपर himselfस्वयं compassionदया,"
26
109000
5000
वास्तव में, कुरान में कहा गया है कि, "ईश्वर ने खुद पर करुणा का नियम बनाया ,"
02:06
or, "reignedशासनकाल himselfस्वयं in by compassionदया" --
27
114000
4000
या, "करुणा के राजत्व में रहे"
02:10
thereforeइसलिये, our objectiveलक्ष्य and our missionमिशन mustजरूर be to be sourcesसूत्रों का कहना है of compassionदया,
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118000
7000
इसलिए, हमारा उद्देश्य और हमारा लक्ष्य करुणा का स्रोत
02:17
activatorsउत्प्रेरक of compassionदया, actorsअभिनेताओं of compassionदया
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125000
4000
करुणा के उत्प्रेरक, करुणा के पात्र ,
02:21
and speakersवक्ताओं of compassionदया and doersकर्ता of compassionदया.
30
129000
4000
करुणा के वक्ता और करुणा के कर्ता बनना होना चाहिए.
02:25
That is all well and good,
31
133000
3000
यह सब तो ठीक है,
02:28
but where do we go wrongगलत,
32
136000
3000
पर हम गलत कहाँ हो जाते हैं,
02:31
and what is the sourceस्रोत of the lackकमी of compassionदया in the worldविश्व?
33
139000
5000
और दुनिया में करुणा की कमी का स्रोत क्या है?
02:36
For the answerउत्तर to this, we turnमोड़ to our spiritualआध्यात्मिक pathपथ.
34
144000
5000
इसका जवाब जानने के लिए, हमे मुड़ कर देखना होगा अपने आध्यात्मिक पथ की ओर
02:41
In everyप्रत्येक religiousधार्मिक traditionपरंपरा, there is the outerबाहरी pathपथ and the innerभीतरी pathपथ,
35
149000
7000
हर धार्मिक परंपरा में एक बाहरी और एक आंतरिक पथ होता हैं,
02:48
or the exotericआमफ़हम pathपथ and the esotericगूढ़ pathपथ.
36
156000
5000
या कहें की भीतर की चेतना और बाहर की चेतना का पथ
02:53
The esotericगूढ़ pathपथ of Islamइस्लाम is more popularlyलोकप्रिय knownजानने वाला as Sufismसूफीवाद, or "tasawwufTasawwuf" in Arabicअरबी.
37
161000
8000
भीतर की चेतना के पथ को इस्लाम में सूफ़ीवाद, या अरबी में तसव्वुफ़ कहा जाता है
03:01
And these doctorsडॉक्टरों or these mastersपरास्नातक,
38
169000
3000
और ये हकीम या ये गुरु,
03:04
these spiritualआध्यात्मिक mastersपरास्नातक of the Sufiसूफी traditionपरंपरा,
39
172000
4000
सूफी परंपरा के ये आध्यात्मिक गुरु,
03:08
referउल्लेख to teachingsशिक्षाओं and examplesउदाहरण of our prophetपैगंबर
40
176000
4000
हमारे पैगम्बर की शिक्षाओं और उदाहरणों को उद्धृत करते हैं,
03:12
that teachसिखाना us where the sourceस्रोत of our problemsसमस्याएँ liesझूठ.
41
180000
4000
जो हमें सिखाता है कि हमारी समस्याओं का स्रोत कहाँ है,
03:16
In one of the battlesलड़ाई that the prophetपैगंबर wagedछेड़ा,
42
184000
4000
पैगम्बर ने जो युद्ध लड़े उनमें से एक में,
03:20
he told his followersअनुयायियों, "We are returningलौटने from the lesserकम warयुद्ध
43
188000
5000
उन्होंने अपने अनुयायियों से कहा, "हम छोटे युद्ध से लौट रहे हैं
03:25
to the greaterअधिक से अधिक warयुद्ध, to the greaterअधिक से अधिक battleलड़ाई."
44
193000
4000
एक बड़ी लड़ाई, एक बड़े युद्ध की ओर."
03:29
And they said, "Messengerमैसेंजर of God, we are battle-wearyलड़ाई-थके.
45
197000
5000
और उन्होंने कहा, " ईश्वर के सन्देश वाहक, हम युद्ध से थक चुके हैं,
03:34
How can we go to a greaterअधिक से अधिक battleलड़ाई?"
46
202000
3000
हम एक बड़े युद्ध में कैसे जा सकते हैं?"
03:37
He said, "That is the battleलड़ाई of the selfस्वयं, the battleलड़ाई of the egoअहंकार."
47
205000
8000
उन्होंने कहा, "यह आत्म की लड़ाई है, अहंकार की लड़ाई है."
03:45
The sourcesसूत्रों का कहना है of humanमानव problemsसमस्याएँ have to do with egotismअहंभाव, "I."
48
213000
9000
मनुष्य की समस्याओं के स्रोत का लेना देना अहंकारवाद से है. मैं.
03:54
The famousप्रसिद्ध Sufiसूफी masterस्वामी Rumiरूमी, who is very well knownजानने वाला to mostअधिकांश of you,
49
222000
6000
प्रख्यात सूफी गुरु रूमी, आप में से ज्यादातर जिसे अच्छी तरह जानते हैं.
04:00
has a storyकहानी in whichकौन कौन से he talksबाते of a man who goesजाता है to the houseमकान of a friendदोस्त,
50
228000
6000
की एक कहानी है जिसमे वह एक आदमी की बात करते हैं जो अपने एक दोस्त के घर जाता है
04:06
and he knocksदस्तक on the doorद्वार,
51
234000
3000
और दरवाज़ा खटखटाता है,
04:09
and a voiceआवाज़ answersजवाब, "Who'sकौन है there?"
52
237000
3000
और एक आवाज़ जवाब देती है, " कौन है?"
04:12
"It's me," or, more grammaticallyGrammatically correctlyसही ढंग से, "It is I,"
53
240000
5000
"हम हैं", या व्याकरण के लिहाज से ज्यादा सही, "यह मैं हूँ."
04:17
as we mightपराक्रम say in Englishअंग्रेज़ी.
54
245000
2000
जैसा कि हम अंग्रेजी में कह सकते हैं.
04:19
The voiceआवाज़ saysकहते हैं, "Go away."
55
247000
3000
वह आवाज़ कहती है,"चले जाओ."
04:22
After manyअनेक yearsवर्षों of trainingप्रशिक्षण, of discipliningअनुशासित, of searchखोज and struggleसंघर्ष,
56
250000
8000
कई वर्षों के प्रशिक्षण, अनुशासन, खोज और संघर्ष, के बाद,
04:30
he comesआता हे back.
57
258000
2000
वह वापस आता है,
04:32
With much greaterअधिक से अधिक humilityविनम्रता, he knocksदस्तक again on the doorद्वार.
58
260000
4000
और काफी ज्यादा विनम्रता से फिर दरवाजा खटखटाता है
04:36
The voiceआवाज़ asksपूछता है, "Who is there?"
59
264000
3000
वह आवाज़ पूछती हैं "कौन है वहां?"
04:39
He said, "It is you, O heartbreakerदिल तोड़ने वाली."
60
267000
4000
वह कहता है, "ये तुम हो, ओ दिल तोड़ने वाले."
04:43
The doorद्वार swingsझूलों openखुला, and the voiceआवाज़ saysकहते हैं,
61
271000
4000
दरवाज़ा खुलता है और आवाज़ कहती है,
04:47
"Come in, for there is no roomकक्ष in this houseमकान for two I'sI ' s,"
62
275000
7000
"अन्दर आ जाओ, क्योंकि इस घर में दो 'मैं' के लिए जगह नहीं है.
04:54
-- two capitalराजधानी I'sI ' s, not these eyesआंखें -- "for two egosअहं."
63
282000
4000
दो बड़े मैं, ये आँखें नहीं, बल्कि दो अहंकार.
04:58
And Rumi'sरूमी की storiesकहानियों are metaphorsरूपकों for the spiritualआध्यात्मिक pathपथ.
64
286000
9000
और रूमी की कहानियां आध्यात्म के मार्ग की उपमा हैं.
05:07
In the presenceउपस्थिति of God, there is no roomकक्ष for more than one "I,"
65
295000
6000
ईश्वर की उपस्थिति में एक से ज्यादा मैं की जगह नहीं.
05:13
and that is the "I" of divinityदेवत्व.
66
301000
5000
और यह मैं देवत्व का है.
05:18
In a teachingशिक्षण -- calledबुलाया a "hadithहदीस qudsiqudsi" in our traditionपरंपरा --
67
306000
4000
हमारी परंपरा में एक शिक्षा जिसे हदीस ख़ुदसी कहते हैं,
05:22
God saysकहते हैं that, "My servantनौकर," or "My creatureजंतु, my humanमानव creatureजंतु,
68
310000
6000
ईश्वर कहते है, "मेरे सेवक", या "मेरे जीव, मेरे मानव जीव,
05:28
does not approachपहुंच me by anything that is dearerप्रिय to me
69
316000
6000
जो मुझे प्यारा है उसके सहारे मेरे पास नहीं आता
05:34
than what I have askedपूछा them to do."
70
322000
3000
बल्कि उसके सहारे जो मैंने करने को कहा है
05:37
And those of you who are employersनियोक्ताओं know exactlyठीक ठीक what I mean.
71
325000
4000
और आप में से जो नियोक्ता हैं, वे अच्छी तरह जानते हैं की मैं क्या कहना चाहता हूँ
05:41
You want your employeesकर्मचारियों to do what you askपूछना them to do,
72
329000
4000
आप चाहते हो कि आपके कर्मचारी वह ही करें जो आपने उनसे करने को कहा है,
05:45
and if they'veवे है doneकिया हुआ that, then they can do extraअतिरिक्त.
73
333000
2000
और अगर उन्होंने वह कर लिया तो वे और ज्यादा कर सकते हैं,
05:47
But don't ignoreनज़रअंदाज़ करना what you've askedपूछा them to do.
74
335000
3000
लेकिन उसे नज़रंदाज़ मत करना कि तुमने उनसे क्या करने को कहा है,
05:50
"And," God saysकहते हैं, "my servantनौकर continuesकायम है to get nearerनजदीक to me,
75
338000
6000
और ईश्वर कहते है, मेरे सेवक मेरे और करीब होते जाते हैं,
05:56
by doing more of what I've askedपूछा them to do" --
76
344000
3000
मैंने जो उनसे करने को कहा है, उससे ज्यादा कुछ करके,
05:59
extraअतिरिक्त creditश्रेय, we mightपराक्रम call it --
77
347000
2000
हम उसे कुछ ज्यादा साख कह सकते हैं,
06:01
"untilजब तक I love him or love her.
78
349000
4000
जब तक मैं उसको प्यार नहीं करता,
06:05
And when I love my servantनौकर," God saysकहते हैं,
79
353000
3000
और जब मैं अपने सेवकों को प्यार करता हूँ", ईश्वर कहते हैं,
06:08
"I becomeबनना the eyesआंखें by whichकौन कौन से he or she seesदेखता है,
80
356000
6000
मैं वो आँखें बन जाता हूँ, जिनसे वह देखते हैं.
06:14
the earsकान by whichकौन कौन से he or she listensसुनता,
81
362000
6000
कान जिनसे वह सुनते हैं.
06:20
the handहाथ by whichकौन कौन से he or she graspsgrasps,
82
368000
5000
हाथ जिससे वह पकड़ते हैं.
06:25
and the footपैर by whichकौन कौन से he or she walksसैर,
83
373000
4000
पैर जिससे वह चलते हैं.
06:29
and the heartदिल by whichकौन कौन से he or she understandsसमझता है."
84
377000
5000
और दिल जिससे वह समझता या समझती हैं."
06:34
It is this mergingविलय of our selfस्वयं with divinityदेवत्व
85
382000
5000
यह हमारे अहम् और देवत्व का वह समामेलन है.
06:39
that is the lessonपाठ and purposeउद्देश्य of our spiritualआध्यात्मिक pathपथ and all of our faithआस्था traditionsपरंपराओं.
86
387000
8000
यह हमारे अध्यात्मिक मार्ग और हमारी सभी धार्मिक परम्पराओं का उद्देश्य और सबक है.
06:47
Muslimsमुसलमानों regardसम्मान Jesusयीशु as the masterस्वामी of Sufismसूफीवाद,
87
395000
6000
मुसलमान यीशु को सूफीवाद का गुरु मानते हैं,
06:53
the greatestमहानतम prophetपैगंबर and messengerमैसेंजर who cameआ गया to emphasizeज़ोर देना the spiritualआध्यात्मिक pathपथ.
88
401000
7000
महानतम पैगम्बर और संदेशवाहक जो आध्यात्मिक मार्ग पर जोर देने आया.
07:00
When he saysकहते हैं, "I am the spiritआत्मा, and I am the way,"
89
408000
4000
जब वह कहता है, " मैं आत्मा हूँ, मैं रास्ता हूँ."
07:04
and when the prophetपैगंबर Muhammadमुहम्मद said, "Whoeverजो has seenदेखा me has seenदेखा God,"
90
412000
5000
जब पैगम्बर मोहम्मद कहते हैं, "'जिसने मुझे देखा है उसने ईश्वर को देख लिया,"
07:09
it is because they becameबन गया so much an instrumentसाधन of God,
91
417000
5000
ऐसा इस लिए क्यों कि वे ईश्वर के पुर्जे बन गए,
07:14
they becameबन गया partअंश of God'sभगवान के teamटीम --
92
422000
2000
वे ईश्वर की वाष्प का हिस्सा बन गए,
07:16
so that God'sभगवान के will was manifestप्रकट throughके माध्यम से them,
93
424000
4000
ताकि ईश्वर की इच्छा उनके जरिये फ़ैली
07:20
and they were not actingअभिनय from theirजो अपने ownअपना selvesखुद and theirजो अपने ownअपना egosअहं.
94
428000
4000
अपने स्व और अहम् के जरिये काम नहीं किया.
07:24
Compassionकरुणा on earthपृथ्वी is givenदिया हुआ, it is in us.
95
432000
7000
धरती पर मानवीयता दी गयी है, यह हममें है.
07:31
All we have to do is to get our egosअहं out of the way,
96
439000
5000
हमें बस यही करना है कि रास्ते से अपने अहम् हटा देना है,
07:36
get our egotismअहंभाव out of the way.
97
444000
3000
अपने अहंकरवाद रास्ते से हटा देना है.
07:39
I'm sure, probablyशायद all of you here, or certainlyनिश्चित रूप से the very vastव्यापक majorityबहुमत of you,
98
447000
8000
में निश्चित हूँ कि यहाँ मौजूद आप में से संभवतः सभी, या निश्चित ही आप में से बहुसंख्य,
07:47
have had what you mightपराक्रम call a spiritualआध्यात्मिक experienceअनुभव,
99
455000
4000
को हुआ होगा, जिसे आप आध्यात्मिक अनुभव कहते हैं,
07:51
a momentपल in your livesरहता है when, for a fewकुछ secondsसेकंड, a minuteमिनट perhapsशायद,
100
459000
7000
आपके जीवन में एक लम्हा, जब कुछ सेकंडों या शायद एक मिनट को,
07:58
the boundariesसीमाओं of your egoअहंकार dissolvedभंग.
101
466000
6000
आपके अहम् की सीमायें ख़त्म हो गयीं,.
08:04
And at that minuteमिनट, you feltमहसूस किया at one with the universeब्रम्हांड --
102
472000
7000
और उस मिनट आपने खुद को ब्रह्माण्ड का हिस्सा महसूस किया,
08:11
one with that jugसुराही of waterपानी, one with everyप्रत्येक humanमानव beingकिया जा रहा है,
103
479000
6000
उस पानी से भरे जग में, हर एक इन्सान में,
08:17
one with the Creatorनिर्माता --
104
485000
4000
परम पिता में,
08:21
and you feltमहसूस किया you were in the presenceउपस्थिति of powerशक्ति, of aweविस्मय,
105
489000
5000
और तुमने स्वयं को शक्ति, विस्मय के सानिध्य में पाया,
08:26
of the deepestगहरे love, the deepestगहरे senseसमझ of compassionदया and mercyदया
106
494000
4000
सबसे गहरे प्यार, संवेदना और दया की सबसे गहरी भावना में
08:30
that you have ever experiencedअनुभव in your livesरहता है.
107
498000
4000
जो तुमने अपनी जिंदगी में कभी महसूस किया है
08:34
That is a momentपल whichकौन कौन से is a giftउपहार of God to us --
108
502000
6000
ये वह लम्हा है जो ईश्वर का हमें तोहफा है,
08:40
a giftउपहार when, for a momentपल, he liftsलिफ्टों that boundaryसीमा
109
508000
4000
एक तोहफा जब एक लम्हे के लिए वह सीमा हटा देता है,
08:44
whichकौन कौन से makesबनाता है us insistकहना on "I, I, I, me, me, me,"
110
512000
6000
जो हमें मैं, मैं, मैं, हम, हम हम पर जोर देने देता है,
08:50
and insteadबजाय, like the personव्यक्ति in Rumi'sरूमी की storyकहानी,
111
518000
4000
और इसके विपरीत, रूमी की कहानी के व्यक्ति की तरह,
08:54
we say, "Oh, this is all you.
112
522000
6000
हम कहते हैं, ' ओह, ये सब तुम हो. '
09:00
This is all you. And this is all us.
113
528000
2000
यह सब तुम हो, यह हम सब हैं.
09:02
And us, and I, and us are all partअंश of you.
114
530000
6000
और हम, और मैं, हम सब तुम्हारे अंश हैं,
09:08
O, Creatorनिर्माता! O, the Objectiveउद्देश्य! The sourceस्रोत of our beingकिया जा रहा है
115
536000
6000
सब निर्माता, सब उद्देश्य, हमारे अस्तित्व का स्रोत,
09:14
and the endसमाप्त of our journeyयात्रा,
116
542000
2000
और हमारी यात्रा का अंत.
09:16
you are alsoभी the breakerतोड़ने वाला of our heartsदिल.
117
544000
5000
तुम हमारे दिलों को तोड़ने वाले भी हो.
09:21
You are the one whomकिसको we should all be towardsकी ओर, for whoseकिसका purposeउद्देश्य we liveजीना,
118
549000
6000
तुम वो हो जिसकी ओर हम सबको होना चाहिए, जो हमारे जीने का कारण होना चाहिए,
09:27
and for whoseकिसका purposeउद्देश्य we shallकरेगा dieमरना,
119
555000
4000
और जिसके लिए हमें मरना चाहिए,
09:31
and for whoseकिसका purposeउद्देश्य we shallकरेगा be resurrectedपुनर्जीवित again
120
559000
4000
औए जिसके लिए हमें पुनर्जन्म लेना चाहिए.
09:35
to accountलेखा to God to what extentसीमा we have been compassionateदयालु beingsप्राणियों."
121
563000
7000
ईश्वर को जवाब देने के लिए कि हम संवेदनशील रहे हैं.
09:42
Our messageसंदेश todayआज, and our purposeउद्देश्य todayआज,
122
570000
4000
आज हमारा सन्देश, और आज हमारा उद्देश्य,
09:46
and those of you who are here todayआज,
123
574000
3000
और तुममे में से जो आज यहाँ हैं,
09:49
and the purposeउद्देश्य of this charterचार्टर of compassionदया, is to remindध्यान दिलाना.
124
577000
5000
और संवेदना के इस अधिकारपत्र का उद्देश्य याद दिलाना है.
09:54
For the Koranकुरान always urgesअपील us to rememberयाद है, to remindध्यान दिलाना eachसे प्रत्येक other,
125
582000
8000
क्योंकि कुरान हमेशा हमें याद रखने को, एक दूसरे को याद दिलाने को कहती है,
10:02
because the knowledgeज्ञान of truthसत्य is withinअंदर everyप्रत्येक humanमानव beingकिया जा रहा है.
126
590000
8000
क्योंकि सत्य का ज्ञान हर एक इंसान के भीतर है.
10:10
We know it all.
127
598000
3000
हम यह सब जानते हैं.
10:13
We have accessपहुंच to it all.
128
601000
2000
हमारे पास इसका जरिया है.
10:15
Jungजंग mayहो सकता है have calledबुलाया it "the subconsciousअचेतन."
129
603000
4000
जंग इसे अवचेतना कह सकते थे.
10:19
Throughसे our subconsciousअचेतन, in your dreamsसपने --
130
607000
4000
हमारी अवचेतना के जरिये, तुम्हारे ख्वाबों में,
10:23
the Koranकुरान callsकॉल our stateराज्य of sleepनींद "the lesserकम deathमौत,"
131
611000
8000
जिसे कुरान कहती है, हमारी निद्रा की स्थिति, अल्प मौत,
10:31
"the temporaryअस्थायी deathमौत" --
132
619000
4000
अस्थाई मौत.
10:35
in our stateराज्य of sleepनींद we have dreamsसपने, we have visionsदृष्टि,
133
623000
5000
अपनी निद्रा की स्थिति में हमें स्वप्न आते हैं, हमें आभास होता है,
10:40
we travelयात्रा even outsideबाहर of our bodiesशव, for manyअनेक of us,
134
628000
6000
हम अपने शरीर के बाहर यात्रा करते हैं, हममे से बहुत,
10:46
and we see wonderfulआश्चर्यजनक things.
135
634000
3000
और हम अद्भुत चीजें देखते हैं.
10:49
We travelयात्रा beyondपरे the limitationsसीमाओं of spaceअंतरिक्ष as we know it,
136
637000
5000
हम जैसा अंतरिक्ष जानते हैं, उसकी सीमाओं के परे यात्रा करते हैं,
10:54
and beyondपरे the limitationsसीमाओं of time as we know it.
137
642000
4000
हम समय की जो सीमायें जानते हैं उसके परे.
10:58
But all this is for us to glorifyमहिमा the nameनाम of the creatorबनाने वाला
138
646000
10000
लेकिन यह सब हमारे लिए विधाता के नाम का गुणगान करने के लिए है
11:08
whoseकिसका primaryमुख्य nameनाम is the compassionatingcompassionating, the compassionateदयालु.
139
656000
6000
जिसका मूल नाम दयावान, दयालु है.
11:14
God, BokhBokh, whateverजो कुछ nameनाम you want to call him with, Allahअल्लाह, Ramराम, Omओम,
140
662000
7000
गौड, बोख, चाहे जिस नाम से पुकारो, अल्ला, राम, ॐ,
11:21
whateverजो कुछ the nameनाम mightपराक्रम be throughके माध्यम से whichकौन कौन से you nameनाम
141
669000
3000
नाम कोई भी हो सकता है जिससे तुम नाम देते हो
11:24
or accessपहुंच the presenceउपस्थिति of divinityदेवत्व,
142
672000
4000
या देवत्व की मौजूदगी प्राप्त करते हो,
11:28
it is the locusठिकाना of absoluteपूर्ण beingकिया जा रहा है,
143
676000
6000
पूर्ण तत्व का केंद्र बिंदु है.
11:34
absoluteपूर्ण love and mercyदया and compassionदया,
144
682000
4000
पूर्ण प्रेम और दया और संवेदना,
11:38
and absoluteपूर्ण knowledgeज्ञान and wisdomबुद्धिमत्ता,
145
686000
3000
और पूर्ण ज्ञान और विवेक,
11:41
what Hindusहिंदुओं call "satchidanandaसिच्चदानंद."
146
689000
3000
जिसे हिन्दू सच्चिनंद कहते हैं.
11:44
The languageभाषा differsभिन्न,
147
692000
3000
भाषा अलग है,
11:47
but the objectiveलक्ष्य is the sameवही.
148
695000
4000
पर उद्देश्य समान है.
11:51
Rumiरूमी has anotherएक और storyकहानी
149
699000
2000
रूमी के पास एक और कहानी है
11:53
about threeतीन menपुरुषों, a Turkतुर्क, an Arabअरब and --
150
701000
3000
तीन लोगों के बारे में, एक तुर्क, एक अरब,
11:56
and I forgetभूल जाओ the thirdतीसरा personव्यक्ति, but for my sakeखातिर, it could be a Malayमलय.
151
704000
4000
और मैं तीसरे का नाम भूल गया, पर मेरे वास्ते, वह एक मलय हो सकता है.
12:00
One is askingपूछ for angurअांगूर -- one is, say, an Englishmanअंग्रेज --
152
708000
3000
कोई अंगूर मांग रहा है, जैसे कि एक अंग्रेज़,
12:03
one is askingपूछ for enebeneb, and one is askingपूछ for grapesअंगूर.
153
711000
5000
कोई एनेब मांग रहा है और कोई ग्रेप्स मांग रहा है.
12:08
And they have a fightलड़ाई and an argumentतर्क because
154
716000
3000
और उनमें झगडा और बहस होती है क्योंकि,
12:11
-- "I want grapesअंगूर." "I want enebeneb. "I want angurअांगूर." --
155
719000
4000
मुझे ग्रेप्स चाहिए, मुझे एनेब चाहिए, मुझे अंगूर चाहिए,
12:15
not knowingज्ञान that the wordशब्द that they're usingका उपयोग करते हुए
156
723000
3000
यह जाने बगैर कि जिस शब्द का वह इस्तेमाल कर रहे हैं
12:18
refersसंदर्भित करता है to the sameवही realityवास्तविकता in differentविभिन्न languagesभाषाओं.
157
726000
3000
वह एक ही सच्चाई को अलग अलग भाषाओँ में बताता है.
12:21
There's only one absoluteपूर्ण realityवास्तविकता by definitionपरिभाषा,
158
729000
6000
परिभाषा के अनुसार सिर्फ एक ही पूर्ण सच्चाई है,
12:27
one absoluteपूर्ण beingकिया जा रहा है by definitionपरिभाषा,
159
735000
3000
परिभाषा के अनुसार एक पूर्ण अस्तित्व है,
12:30
because absoluteपूर्ण is, by definitionपरिभाषा, singleएक,
160
738000
3000
क्योंकि परिभाषा के अनुसार पूर्ण, एकल है,
12:33
and absoluteपूर्ण and singularविलक्षण.
161
741000
3000
और पूर्ण और एकल,.
12:36
There's this absoluteपूर्ण concentrationएकाग्रता of beingकिया जा रहा है,
162
744000
3000
यह अस्तित्व का पूर्ण केन्द्रीकरण है,
12:39
the absoluteपूर्ण concentrationएकाग्रता of consciousnessचेतना,
163
747000
3000
अवचेतना का पूर्ण केन्द्रीकरण है,
12:42
awarenessजागरूकता, an absoluteपूर्ण locusठिकाना of compassionदया and love
164
750000
10000
जागरूकता, संवेदना और प्रेम का पूर्ण केन्द्रीकरण
12:52
that definesपरिभाषित करता है the primaryमुख्य attributesविशेषताएँ of divinityदेवत्व.
165
760000
4000
जो देवत्व के मूल भाव को पारिभाषित करता है.
12:56
And these should alsoभी be
166
764000
3000
और वह होना भी चाहिए
12:59
the primaryमुख्य attributesविशेषताएँ of what it meansमाध्यम to be humanमानव.
167
767000
5000
इन्सान होने का जो मतलब है, उसका मूल भाव.
13:04
For what definesपरिभाषित करता है humanityमानवता, perhapsशायद biologicallyजैविक रूप से,
168
772000
6000
जो इंसानियत को पारिभाषित करता है, शायद शारीरिक रूप से,
13:10
is our physiologyशरीर क्रिया विज्ञान,
169
778000
3000
हमारा जीवतत्व है,
13:13
but God definesपरिभाषित करता है humanityमानवता by our spiritualityआध्यात्मिकता, by our natureप्रकृति.
170
781000
8000
लेकिन ईश्वर हमारी इंसानियत को हमारे अध्यात्म से, हमारी प्रकृति से पारिभाषित करता है.
13:21
And the Koranकुरान saysकहते हैं, He speaksबोलता हे to the angelsएन्जिल्स and saysकहते हैं,
171
789000
4000
और कुरान कहती है, वह फरिश्तों से बात करता है और कहता है,
13:25
"When I have finishedख़त्म होना the formationगठन of Adamएडम from clayचिकनी मिट्टी,
172
793000
4000
जब मैंने मिट्टी से आदम का निर्माण पूरा कर लिया,
13:29
and breathedसांस into him of my spiritआत्मा,
173
797000
4000
और अपनी आत्मा से उसमें सांस फूंकी,
13:33
then, fallगिरना in prostrationरुक्न to him."
174
801000
4000
और उसके सामने साष्टांग गिर गया. "
13:37
The angelsएन्जिल्स prostrateप्रोस्ट्रेट, not before the humanमानव bodyतन,
175
805000
8000
फ़रिश्ते साष्टांग होते हैं, लेकिन मानव शारीर के समक्ष नहीं,
13:45
but before the humanमानव soulअन्त: मन.
176
813000
3000
बल्कि मानव आत्मा के समक्ष.
13:48
Why? Because the soulअन्त: मन, the humanमानव soulअन्त: मन,
177
816000
4000
क्यों? क्योंकि आत्मा, मानव आत्मा,
13:52
embodiesप्रतीक a pieceटुकड़ा of the divineपरमात्मा breathसांस,
178
820000
6000
दैवी श्वास के एक हिस्से का मूर्त रूप है,
13:58
a pieceटुकड़ा of the divineपरमात्मा soulअन्त: मन.
179
826000
3000
दैवी आत्मा का एक टुकड़ा है .
14:01
This is alsoभी expressedव्यक्त in biblicalबाइबिल का vocabularyशब्दावली
180
829000
5000
यह बाईबिल के कोष में भी वर्णित है
14:06
when we are taughtसिखाया that we were createdबनाया था in the divineपरमात्मा imageछवि.
181
834000
6000
जब हमें यह सिखाया जाता है कि हम दैवी तस्वीर में बनाये गए थे.
14:12
What is the imageryकल्पना of God?
182
840000
2000
ईश्वर का चित्र क्या है?
14:14
The imageryकल्पना of God is absoluteपूर्ण beingकिया जा रहा है,
183
842000
4000
ईश्वर का चित्र पूर्ण अस्तित्व है.
14:18
absoluteपूर्ण awarenessजागरूकता and knowledgeज्ञान and wisdomबुद्धिमत्ता
184
846000
3000
पूर्ण जागरूकता, ज्ञान और विवेक
14:21
and absoluteपूर्ण compassionदया and love.
185
849000
3000
और पूर्ण संवेदना और प्रेम.
14:24
And thereforeइसलिये, for us to be humanमानव --
186
852000
4000
और, इसलिए, हमें इन्सान होने के लिए,
14:28
in the greatestमहानतम senseसमझ of what it meansमाध्यम to be humanमानव,
187
856000
4000
इन्सान होने का क्या मतलब है इसके सबसे बड़े मायने में,
14:32
in the mostअधिकांश joyfulखुश senseसमझ of what it meansमाध्यम to be humanमानव --
188
860000
3000
इन्सान होने का क्या मतलब है इसके सबसे खुशनुमा मायने में,
14:35
meansमाध्यम that we too have to be properउचित stewardsप्रबंधकों
189
863000
6000
मतलब यह है कि हमें उचित कारिन्दा होना पड़ेगा
14:41
of the breathसांस of divinityदेवत्व withinअंदर us,
190
869000
4000
हमारे भीतर जो दैवी श्वास है उसका,
14:45
and seekमांगना to perfectउत्तम withinअंदर ourselvesहम the attributeगुण of beingकिया जा रहा है,
191
873000
5000
और हमारे भीतर अस्तित्व के भाव के साथ परिपूर्ण होने के प्रयास,
14:50
of beingकिया जा रहा है aliveज़िंदा, of beingnessBeingness;
192
878000
3000
जीवित होने के, अस्तित्व के,
14:53
the attributeगुण of wisdomबुद्धिमत्ता, of consciousnessचेतना, of awarenessजागरूकता;
193
881000
5000
विवेक के भाव, चेतना के, जागरूकता के,
14:58
and the attributeगुण of beingकिया जा रहा है compassionateदयालु and lovingप्यारा beingsप्राणियों.
194
886000
5000
और भाव संवेदनशील होने का, प्रेम भरा होने का.
15:03
This is what I understandसमझना from my faithआस्था traditionपरंपरा,
195
891000
6000
यही है वह जो मैं अपने धर्म की परम्पराओं से समझता हूँ,
15:09
and this is what I understandसमझना from my studiesअध्ययन करते हैं of other faithआस्था traditionsपरंपराओं,
196
897000
7000
यही है वह जो मैं दूसरे धर्म की परम्पराओं के अपने अध्धयन से समझता हूँ,
15:16
and this is the commonसामान्य platformमंच on whichकौन कौन से we mustजरूर all standखड़ा,
197
904000
6000
और यह एक समान मंच है जिस पर हम सबको जरूर खड़े होना चाहिए,
15:22
and when we standखड़ा on this platformमंच as suchऐसा,
198
910000
3000
और इस मंच पर जब हम ऐसे खड़े होंगे,
15:25
I am convincedराजी करना that we can make a wonderfulआश्चर्यजनक worldविश्व.
199
913000
6000
मुझे यकीन है कि हम एक अद्भुत दुनिया बना सकते हैं.
15:31
And I believe, personallyव्यक्तिगत रूप से, that we're on the vergeकगार
200
919000
6000
और मुझे व्यक्तिगत तौर पर विश्वास है कि हम कगार पर हैं,
15:37
and that, with the presenceउपस्थिति and help of people like you here,
201
925000
4000
कि आप जैसे लोग जो यहाँ हैं उनकी उपस्थिति और मदद से,
15:41
we can bringलाओ about the prophecyभविष्यवाणी of Isaiahयशायाह.
202
929000
6000
हम ईसा की भविष्यवाणी को सच बना सकते हैं.
15:47
For he foretoldपूर्वाभास of a periodअवधि
203
935000
4000
क्यों कि उसने एक समय के बारे में बताया था
15:51
when people shallकरेगा transformपरिवर्तन theirजो अपने swordsतलवार into plowsharesplowshares
204
939000
7000
जब लोग अपनी तलवारों को हल के फल में बदल देंगे
15:58
and will not learnसीखना warयुद्ध or make warयुद्ध anymoreअब.
205
946000
6000
और न युध्द सीखेंगे और न और कभी युध्द करेंगे.
16:04
We have reachedपहुंच गए a stageमंच in humanमानव historyइतिहास that we have no optionविकल्प:
206
952000
6000
हम मानव इतिहास में ऐसे मुकाम पर पहुँच गए हैं, जब हमारे पास कोई विकल्प नहीं है.
16:10
we mustजरूर, we mustजरूर lowerकम our egosअहं,
207
958000
9000
हमें जरूर, जरूर ही अपने अहम् को गिराना होगा,
16:19
controlनियंत्रण our egosअहं -- whetherकि क्या it is individualव्यक्ति egoअहंकार, personalनिजी egoअहंकार,
208
967000
5000
हमारे अहम् पर नियंत्रण, चाहे वह एक का अहम् हो, व्यक्तिगत अहम् हो,
16:24
familyपरिवार egoअहंकार, nationalराष्ट्रीय egoअहंकार --
209
972000
6000
परिवार का अहम्, राष्ट्र का अहम्,
16:30
and let all be for the glorificationस्तुति of the one.
210
978000
5000
और सब परमेश्वर के गुणगान में जुटें,
16:35
Thank you, and God blessआशीर्वाद देना you.
211
983000
2000
धन्यवाद्, ईश्वर आपको आशीर्वाद दे.
16:37
(Applauseप्रशंसा)
212
985000
1000
(तालियों की ध्वनि)
Translated by neelmani lal
Reviewed by Anshul Tyagi

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ABOUT THE SPEAKER
Feisal Abdul Rauf - Chairman of the Cordoba Initiative
Imam Feisal Abdul Rauf has devoted himself to healing relations between Muslim-Americans and their neighbors, and bringing that message of peace to the wider Muslim world.

Why you should listen

In 2003, Imam Feisal Abdul Rauf founded the Cordoba Initiative, a non-partisan and international organization that works to provide innovative solutions to conflict between Muslim and Western communities. He also serves as chair of the Initiative, actively promoting and moderating dialogue between individuals and groups. What’s more, this project was not the Imam's first foray into interreligious talks. In 1997, he started the American Society for Muslim Advancement (ASMA), a group that brings American Muslims and non-Muslims together through programs in policy, current affairs and culture.

Also, Imam Rauf regularly attends the Council on Foreign Relations and the World Economic Forum (both Davos and Dead Sea) and has written three books on the topic of bringing peace to Islam's relationsIslam: A Search for MeaningIslam: A Sacred Law; and What's Right With Islam: A New Vision for Muslims and the West. He continues to balance his mission of creating peace with his regular duties as Imam of Masjid al-Farah, a mosque twelve blocks from Ground Zero in New York City, that he has led for 25 years.

More profile about the speaker
Feisal Abdul Rauf | Speaker | TED.com

Data provided by TED.

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